रजगिरा, अंग्रेज़ी मैं जिसे ऐमरैन्थ (Amaranth) कहते हैं, चौलाई का बीझ भी कहलाता है. यह अन्न नहीं होता बल्कि बीझ होता है. बाज़ार मैं इसका आटा भी आसानी से मिल जाता है. रजगिरा की पत्तियाँ भी खायी जाती हैं और काफ़ी फ़ायेदेमंद होती हैं. वह लाल, हरी और बाँगनी रंग की होती है और काफ़ी आसानी से पहचानी जा सकती हैं.
रजगिरा खाने के फ़ायेदे | Benefits of Amaranth
रजगिरा बहुत ही आसानी से पक जाता है. अगर किसी को ग्लूटेन से ऐलर्जी है तो ये उनके लिए सबसे आसानी से मिलने वाली चीज़ है.
इसमें प्रोटीन की मात्रा काफ़ी ज़्यादा होती है जिस कारण से यह हमारी इम्यूनिटी बढ़ाता है और हमारे बालों को हेल्थी रखता है. ये मोटापा और हार्ट प्राब्लम्ज़ के मरीज़ों को काफ़ी फ़ायेदा करता है.
एक कप पके हुए रजगिरा मैं 9 ग्राम प्रोटीन होता है. इसमें इतना कैल्सीयम और ज़िंक होता है की अगर इसको रोज़ खाया जाए तो यह हमारी रोज़ की ज़रूरत को पूरा करता है. इसमें लायसिन नाम का तत्व होता है जो हमारे शरीर को कैल्सीयम सोखने मैं मदद करता है.
यह हमारा कोलेस्ट्रोल काम करने मैं भी मदद करता है. रजगिरा में ज़िंक की मात्रा ज़्यादा होने के कारण ये हमारे शरीर को मज़बूत बनता है ऑअ बीमारियों से लड़ने के लिए प्रबल बनता है.
रजगिरा मैं आयिरन काफ़ी मात्रा मैं पाया जाता है. यह अनेमिया होने से बचाव कर सकता है. ज़्यादा मात्रा मैं आयिरन होने के कारण से ये प्रेग्नन्सी मैं काफ़ी फ़ायेदेमंद होता है. प्रेग्नन्सी मैं आयिरन की वजह से बच्चे को सही मात्रा मैं ऑक्सिजन मिलता है और बच्चा हेल्थी रहता है.
लायसिन नामक अमीनो ऐसिड, जो रजगिरा मैं पाया जाता है, हमारे बालों और स्किन को हेल्थी रखता है. बालों को समय से पहले सफ़ेद होने से रोकता है.
बाज़ार मैं भुआ हुआ रजगिरा मिलता है जिसे दूध के साथ नाश्ते मैं खाया जा सकता है. रजगिरा के आटा को कई तरीक़ों से उपयोग कर सकते हैं. इसकी पत्तीयों की सब्ज़ी भी बनती है और कच्ची भी खा सकते हैं.
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